भगवान राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाते हैं.

राम शक्ति और संयम दोनों का संतुलित मिश्रण हैं

श्रीराम को जीवन में एक ही बार गुस्सा आया था जब वो लंका जा रहे थे.

सीता को खो देने के बाद भी भगवान राम ने कभी धैर्य नहीं खोया, जो धैर्यवान होना सीखाता है

शक्तिशाली होने के बावजूद भगवान राम ने कभी अहंकार नहीं किया

भगवान राम कहते हैं कि आप काम पर भरोसा रखिये, ईश्वर आपकी मदद करेंगे.

अहंकार से बचें, जो अहंकार करता हैं वो कभी आगे नहीं बढ़ पाता

लाभ-हानि जीवन, मरण ईश्वर के हाथ है. हार मानकर नहीं बैठे

काम,  क्रोध,  अहंकार, लोभ सभी नरक के रास्ते पर लेकर जाते हैं

भगवान राम के दिखाये रास्ते पर चलकर जीवन सफल बनाया जा सकता है