What is H1B Visa:
H-1B Visa अमेरिका जाने का एक गैर-इमीग्रेंट यानि नॉन इमीग्रेंट वीजा है. जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को अस्थायी रूप से अमेरिका में नियुक्त करने का परमीशन देता है. यानि अगर कोई अमेरिकी कंपनी भारत से कर्मचारी हायर करना चाहती है तो उस कर्मचारी को H-1B Visa की जरूरत पड़ेगी. जिसके जरिए भारत का युवा उस कंपनी में नौकरी कर सकता है.
H-1B Visa क्यों चाहिए
H-1B Visa आज के समय में हायर एजुकेशन पूरी करने वाले हर छात्र का सपना होता है. खासकर आईटी के छात्रों के लिए. इसका कारण है अमेरिका में रहने की लग्जरी, डॉलर में कमाई. मोटी सेलरी, बड़ा पैकेज आदि. अमेरिका की न्यूनतम सेलरी भी इंडियन करेंसी में बहुत बड़ी रकम हो जाती है. शायद इसीलिए ज्यादातर छात्रों का सपना होता है कि उन्हे H-1B Visa पर अमेरिका में जॉब मिल जाए. लेकिन H-1B Visa पाना इतना आसान नहीं होता. इसके लिए टैंलेंट के साथ ही कई और भी शर्तें पूरी करनी होती है.
H-1B Visa पाने की प्रक्रिया क्या है- What is the H1B visa Sponsorship Process?
H-1B Visa पाने के लिए सबसे पहले आपको एक ऐसी कंपनी चाहिए जो आपको अमेरिका में नौकरी देने के लिए तैयार हो. या फिर आप इंटरव्यू के बाद उस कंपनी के लिए सेलेक्ट हो गये हैं. सीधी भाषा में कहें तो आपको अमेरिका की किसी कंपनी से जॉब ऑफर मिल गया है, जो कंपनी आपको हायर करने के लिए तैयार है. अब आपको अमेरिका में जॉब करने के लिए एन1बी वीजा की जरूरत पड़ेगी. वही कंपनी आपका वीजा स्पांसर करेगी जिसने आपको हायर किया है. यानि आपकी फाइल वो कंपनी एच1बी वीजा के लिए अमरेकी इमीग्रेशन ऑफिस में लगायेगी.
जब आपको अमेरिका में जॉब का ऑफर मिल जाता है तो आपकी कंपनी अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट में एलसीए यानि लेबर कंडीशन एप्लीकेशन के लिए फाइल लगाती है. जिमसें मिनिमम वेज से लेकर कई शर्तें पूरी करने की बात लिखी होती है. इसके बाद एलसीए के साथ आपकी फाइल अमेरिका के सिटिजनशिप और इमीग्रेशन विभाग को भेजी जाती है. जिसमें सभी डॉक्यूमेंट के साथ एक निश्चित फीस देनी होती है.
इसके बाद अगर जरुरी हुआ तो आपकी काउंसलिंग यानि वीजा के लिए इंटरव्यू भी लिया जा सकता है. वरना आपको H-1B Visa जारी हो जाता है. लेकिन जितनी प्रक्रिया मैंने आपको बताई ये इतनी आसान नहीं होती. इसमें बहुत समय लगता है और सभी शर्तों को पूरा करना आसान नहीं होता है.
What is H1B Visa Cap:
दरअसल अमेरिका में हर साल के लिए H-1B Visa का एक कैप निर्धारित किया गया है. यानि एक निश्चित संख्या में ही अमेरिकी सरकार हर साल वीजा जारी करती है. उससे ज्यादा वीजा जारी नहीं हो सकता…आवेदन चाहे जितने भी आ जायें. ये अमेरिकी सरकार का नियम है. अब ये जानना जरूरी है कि ये कैप कितना है.
What is the H-1B Program?
H-1B Visa वीजा में दो कैप निर्धारित है. पहला रेगुलर कैप होता है. इसी रेगुलर कैप में भारत के या फिर किसी दूसरे देश के युवा अप्लाई करते हैं. रेगुलर कैप में H-1B Visa की संख्या हर साल 65 हजार निर्धारित है. इसमें से भी 6 हजार 800 चिली और सिंगापुर के लोगों के लिए रिजर्व है. बाकी जो बचता है यानि 58200 H-1B Visa हर साल जारी किया जाता है. और ध्यान रहे कि ये केवल भारत के युवाओं के लिए नहीं बल्कि दुनिया के बाकी सभी देशों से आने वाले स्किल्ड वर्कर के लिए है.
दूसरा कैप 20 हजार वीजा का है. लेकिन ये उन छात्रों के लिए है जिन्होंने अमेरिका के मास्टर डिग्री प्रोग्राम के तहत वहां के किसी कॉलेज से ग्रेजुएशन या हायर एजुकेशन डिग्री हासिल की है. ये वीजा संख्या हर साल समाप्त हो जाती है. ये एक तरह से रेगुलर कैप से अलग एक एग्जेम्शन यानि अतिरिक्त राहत की तरह दिया जाता है. इसमें दूसरे युवा या स्किल्ड वर्कर आवेदन नहीं कर सकते.
एच1बी वीजा हर किसी का सपना होता है. जब भी किसी भारतीय प्रधानमंत्री का अमेरिका दौरा होता है तो हर बार एच1बी वीजा चर्चा में आ जाता है. भारत के युवाओं के लिए कुछ छूट की मांग की जाती है लेकिन ये पूर तरह से अमेरिकी सरकार पर निर्भर करता है. भारत से बहुत बड़ी संख्या में युवा, खासकर आईटी फील्ड के छात्र एन1बी वीजा के लिए आवेदन करते हैं. लेकिन हर किसी को मिलना संभव नहीं हो पाता.
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